Wednesday, 21 August 2019

मेरा शहर

इक दरिया है जो पार करके जाना था

मुझे मीनारों के उस पार जाना था

कोई छू ना सके मेरी उस अनोखी सी मंज़िल को

उसे बनाने मुझे समन्दर पार जो जाना था

                           Rahul yaduvanshi Ankit

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