Wednesday, 21 August 2019

मेरा शहर

इक दरिया है जो पार करके जाना था

मुझे मीनारों के उस पार जाना था

कोई छू ना सके मेरी उस अनोखी सी मंज़िल को

उसे बनाने मुझे समन्दर पार जो जाना था

                           Rahul yaduvanshi Ankit

Friday, 2 August 2019

मेरा शहर

उसकी गलियों से गुजरना  मुझे अच्छा लगता है

उसकी एक झलक को पाना मुझे अच्छा लगता है

किसी दिन जब वो ना दिखती है उन झरोखों से

मुझे उसकी यादों मे अकेले रोना अच्छा लगता है

                               Rahul yaduvanshi ankit