इक दरिया है जो पार करके जाना था
मुझे मीनारों के उस पार जाना था
कोई छू ना सके मेरी उस अनोखी सी मंज़िल को
उसे बनाने मुझे समन्दर पार जो जाना था
Rahul yaduvanshi Ankit
छुपाये छुपेगी नही आशिक़ों तुम्हारी दिल्लगी। इश्क़ का इतिहास है सबका लिखा जाएगा।।