Thursday, 23 August 2018

मेरा शहर

खिल खिलाती महफिल की नूर है तू

सूखे में बारिश की एक बूद है तू

सजती नही महफिल जिस नाचीज के बिना

खाली बोतल में मदिरा की एक बूद है तू।।
                                        राहुल यदुवंशी

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